बच्चों में मूलभूत कौशल का विकास के साथ शुरूआती कक्षाओं में अंग्रेजी बोलचाल पर काय किया जाएगा। प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा ने सभी जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा को अनिवार्यत: इन कार्यक्रमों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक कार्यक्रम के लिए जिला, विकासखण्ड एवं संकुल स्तर पर नोडल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में इन कार्यक्रमों के संचालन का दायित्व दिया गया है।
सभी प्राथमिक शालाओं में कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे गढ़बो नवा भविष्य नामक पठन सामग्री का पठन करेंगे। इससे बच्चों को उनके आसपास उपलब्ध विभिन्न व्यवसायों की जानकारी मिल सकेगी। इस पुस्तक के आधार पर प्रत्येक बच्चें को कम से कम 30 विभिन्न रोजगारों की जानकारी समझने एवं प्रत्यक्ष देख सकने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा।
सौ दिन सौ कहानियां
राज्य के सभी मिडिल स्कूलों में केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान में से
विकसित द्विभाषी कहानी की पुस्तकों का प्रत्येक बच्चों को एक कहानी की
पुस्तक एक दिन पढ?े का लक्ष्य दिया जाएगा। बच्चों को पहले अंग्रेजी में
कहानी ठीक से समझ नहीं आने पर उसका हिन्दी में अनुवाद पढ़कर पुन: उस कहानी
को अंग्रेजी में पढ?े का अवसर दिया जाएगा। बच्चे अंग्रेजी के विभिन्न नए
शब्दों को पहले अनुमान लगाकर, फिर हिन्दी अनुवाद देखकर समझने का प्रयास
करेंगे। यदि फिर भी सही अनुमान लगाने में दिक्कत होगी तो शब्दकोष देखकर
अंग्रेजी के शब्दों का अर्थ देखने की आदत विकसित की जाएगी। समय-समय पर
बच्चों के पढ?े की गति एवं समझ का आंकलन भी किया जाएगा।
मुस्कान पुस्तकालय का नियमित उपयोग
प्रदेश के सभी प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों में मुस्कान पुस्तकालय संचालित
किए जा रहे हैं। बच्चों को नियमित रूप से इन पुस्तकों के उपयोग कर पठन कौशल
विकसित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाया जाएगा। इनमें
स्कूल के समय-सारिणी में पुस्तकालय का एक कालखंड अनिवार्य रूप से सभी
कक्षाओं में उपलब्ध करवाएं जाएंगे। प्रत्येक विद्यार्थियों को मुस्कान
पुस्तकालय से अपनी पंसद की पुस्तकें निकालकर पढ?े का अवसर दिया जाएगा।
पुस्तकें पढ?े के बाद उसमें दिए गए मुख्य बिन्दुओं को एक-दूसरे को सुनाये
जाने का अवसर मिलेगा। मुस्कान पुस्तकालय को आकर्षक रूप से सजाकर उनके
नियमित अधिकाधिक उपयोग के लिए प्रेरित करने वाली शालाओं के मध्य
प्रतिस्पर्धा का आयोजन कर उन्हें पुस्तकालय को आकर्षक बनाने प्रेरित किया
जाएगा।
गांव के सभी बच्चों का कौशल विकास
सभी शाला प्रबंध समिति अपने-अपने क्षेत्र में सभी बच्चों को मूलभूत भाषायी
एवं गणितीय कौशल हासिल करवाए जाने आगामी तीन माह तक मिलकर काम करेंगे। इस
कार्यक्रम के अंतर्गत शाला प्रबंधन समिति अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे बच्चों
की पहचान करेगी, जिनमें मूलभूत कौशल का विकास करना आवश्यक हो। ऐसे बच्चे
शाला के भीतर या बाहर के भी हो सकते है, उनकी आयु 6-14 आयु वर्ग की होनी
चाहिए। समुदाय में से किसी इच्छुक व्यक्ति का चयन कर उन्हें ऐसे बच्चों में
अपेक्षित कौशल की जवाबदेही दी जाएगी। बच्चों में आयु अनुरूप वर्ण, शब्द,
वाक्य एवं अनुच्छेद अच्छे से पढ?ा आना चाहिए। सभी प्रकार के बच्चों को आयु
अनुरूप 1 से 99, 999 तक की गिनती, जोड़, घटाना, गुणा एवं भाग के सवाल सिखाये
जाएंगे।
अंग्रेजी बोल-चाल पर होगा कार्य
राज्य में हुए भाषायी सर्वें में यह बात प्रमुखता से उभर कर सामने आयी है
कि शुरूआती वर्षों में बच्चों द्वारा आसानी से भाषा सीखा जा सकता है। इसी
बात को ध्यान में रखकर छोटी कक्षा, विशेषकर बालवाड़ी एवं कक्षा पहली से
तीसरी तक के बच्चों को प्रतिदिन अंग्रेजी में आमतौर पर बोल-चाल में
इस्तेमाल में आने वाले शब्दों को बोलने का वास्तविक परिस्थितियों में
अभ्यास कराया जाएगा। यह निर्देश है कि इसके लिए जिले एवं विकासखंड में
अंग्रेजी बोल-चाल में विशेषज्ञ शिक्षकों की पहचान कर उन्हें उसके लिए
पीएलसी बनाए। चयनित पीएलसी द्वारा बच्चों को बोलने के अभ्यास के लिए
सामग्री विकसित की जाएगी। पीएलसी द्वारा सभी शालाओं के शिक्षकों को
आॅनलाईन-आॅफलाईन मोड में प्रशिक्षित किया जाए। बच्चों को छोटे-छोटे वाक्य
सही उच्चारण के साथ बोलने का पर्याप्त अभ्यास करवाया जाएगा।