दुर्ग नगर निगम के आयुक्त आईएएस लक्ष्मण तिवारी को आप नेताओं की चेतावनी इतनी नागवार गुजरी की उन्होंने उनका नर्सिंग होम सील कर दिया। इतना ही नहीं शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाकर आप के जिलाध्यक्ष मेहरबान सिंह और डॉ. एसके अग्रवाल को 5 घंटे तक दुर्ग कोतवाली थाने में बैठाकर रखा गया। उसके बाद टीआई एसएन सिंह आए और उन्हें टॉफी खिलाकर चलता कर दिया। इस कार्रवाई के खिलाफ आप धरना प्रदर्शन करेगी। वहीं दुर्ग निगम प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर यह आरोप लगाया है कि दोनों आप नेता उनकी कार्रवाई में बाधा डालकर शांति व्यवस्था भंग कर रहे थे।
आप
पार्टी के जिलाध्यक्ष मेहरबान सिंह ने कोतवाली थाने से छूटने के बाद देर
रात एक वीडियो जारी किया। उन्होंने बताया कि वह लोग पार्षद प्रकाश गीते
द्वारा शासकीय भवन में कब्जा करने की शिकायत पर कार्रवाई का स्टेटस जानने
के लिए गए थे। वो गुरुवार शाम 4 बजे निगम आयुक्त लक्ष्मण तिवारी के
कार्यालय पहुंचे। उन्होंने अपने नाम की पर्ची भिजवाई। 5.15 बजे तक वहीं
बैठे रहने के बाद उन्होंने देखा उनसे पहले आए लोग आयुक्त से मिलकर जा चुके
हैं। इस पर वे आयुक्त के कैबिन में घुस गए। उस समय वहां पूर्व पार्षद
एडवोकेट नीता जैन और पार्षद श्रद्धा सोनी बैठी थीं।निगम आयुक्त ने मेहरबान सिंह से पूछा कि आप पार्षद हो तो उसने जवाब दिया कि
मैं आम आदमी हूं। इस पर आयुक्त ने कहा कि आप बाहर जाओ। इस पर आप नेता ने
कहा कि वो लोग सवा घंटे से बाहर बैठे हैं आप उनकी शिकायत तो सुन लो। इस पर
आयुक्त ने शिकायत सुनने से ही मना कर दिया। मेहरबान सिंह और डॉ. अग्रवाल
आयुक्त कक्ष में खाली पड़ी कुर्सी पर बैठ गए और बोले की वो लोग यहीं बैठे
हैं आप लास्ट में उनकी बात सुन लेना। आयुक्त ने फिर कहा मैं उनकी शिकायत
नहीं सुनूंगा। इस पर डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हम निगम परिसर में टेंट लगाकर
तब तक बैठे रहेंगे जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाती है।
आप नेता के जाते ही कर दी अस्पताल पर कार्रवाई
दोनों
आप नेता नाराजगी जताते हुए निगम से शाम 6 बजे अपने घर चले गए। इसके बाद
साढ़े 6 बजे सूचना मिली की निगम आयुक्त ने अग्रवाल नर्सिंग होम में
कार्रवाई कर दी। वहां पहले से पुलिस तैनात थी। आप नेता मेहरबान और डॉ. जैन
ने देर शाम बिना नोटिस कार्रवाई करने का कारण पूछा तो आयुक्त ने पुलिस को
बोलकर उनका मोबाइल जब्त करवा लिया। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर थाने ले गई और
वहां 5 घंटे तक नजर बंद कर दिया।दुर्ग नगर निगम ने बताई कुछ और कहानी
दुर्ग निगम
आयुक्त आईएएस लक्ष्मण तिवारी ने विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है की उनके
पास कीर्ति राम ने आर्य नगर, शंकर नगर में संचालित अग्रवाल नर्सिंग होम के
खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत मिलते ही आयुक्त एक्शन मोड में आ गए। वह सीधे
अग्रवाल नर्सिंग होम पहुंचे। उन्होंने बताया कि वहां पर नर्सिंग होम एक्ट
और एनजीटी की गाइड लाइंस का उल्लंघन होना पाया गया। कार्रवाई के दौरान
नर्सिंग होम के संचालक डॉ. एसके अग्रवाल और मेहरबान सिंह ने शासकीय कार्य
में बाधा डालने का प्रयास किया। इसके बाद मौके पर कोतवाली पुलिस ने दोनों
को हिरासत में लिया। आयुक्त लक्षमण तिवारी ने पुलिस को दोनों पर वैधानिक
कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद नर्सिंग होम को सील कर
दिया गया।
सिजेरियन डिलीवरी वाली महिलाओं को पहुंचा दिया जिला अस्पताल
कार्रवाई
के दौरान आयुक्त लक्ष्मण तिवारी इतने गुस्से में थे कि उन्हें यह तक नहीं
दिखा कि अस्पताल में दो ऐसी महिला मरीज भर्ती हैं, जिनकी हाल ही में
सिजेरियन डिलीवरी हुई है। उन्होंने दोनों महिला मरीज ममता साहू और मीना
तिवारी को महतारी एक्सप्रेस में बिठाया और जिला अस्पताल पहुंचा दिया। आप
नेता मेहरबान सिंह का आरोप है कि दोनों महिला मरीज कई घंटे तक जिला अस्पताल
के बाहर बैठी रहीं। इसके बाद उन्हें बेड एलॉट हुआ और उन्हें वहां भर्ती
किया गया।
सीएमएचओ को दिया जांच कर कार्रवाई के आदेश
कार्रवाई के
दौरान आएएस लक्ष्मण तिवारी यह भूल गए कि वो वहां निगम आयुक्त की हैसियत से
गए हैं कलेक्टर की नहीं। उन्होंने दुर्ग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
अधिकारी डॉ. जेपी मेश्राम को आदेश दे डाला कि वो अग्रवाल नर्सिंग होम की
नर्सिंग होम एक्ट के तहत जांच करें और इसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई करें।
आप नेताओं का कहना है कि जिले में सबसे बड़ा अधिकारी कलेक्टर होता है वहीं
सभी विभाग के अधिकारियों को आदेश दे सकता है। निगम आयुक्त शायद अभी से अपने
आपको कलेक्टर समझने लग गए हैं।