उन्होंने कहा कि भारत में शंकराचार्य जैसे महान दार्शनिक हुए जिन्होंने ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या की बात कही। रामानुजाचार्य जैसे गुरुओं ने भक्ति आंदोलन चलाया। इसके बाद कबीर, नानक जैसे गुरुओं ने गुरु पद की परंपरा को सामने रखा। कबीर ने गुरु को गोविंद से भी श्रेष्ठ बताया है। मुख्यमंत्री ने गांधीजी के गोलमेज कांफ्रेंस के संस्मरण से भी लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि गोलमेज कांफ्रेंस में भी कड़ी सर्दी के बावजूद महात्मा गांधी धोती कुर्ते में ही रहे और इस तरह से उन्होंने बताया कि किस तरह से अंग्रेजों ने भारत की आत्मनिर्भर अर्थ व्यवस्था को समाप्त करने में बड़ी भूमिका निभाई।स्कूलों के संधारण के लिए 500 करोड़ रुपये-मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य हमारी सबसे अहम जरूरत हैं। स्कूलों के संधारण के लिए हमने 500 करोड़ रुपए व्यय करने का निश्चय किया है। हमारे स्कूलों में एक दिन छत्तीसगढ़ी और स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई होगी। हमने 5000 बालवाड़ी आरंभ करने का निर्णय लिया है। हमने 51 स्वामी आत्मानंद स्कूलों के माध्यम से अंग्रेजी शिक्षा की शुरूआत की। आज इनकी संख्या 279 हो गई है। अगले साल 422 नए स्वामी आत्मानंद विद्यालय आरंभ हो जाएंगे।
इस तरह से 701 स्वामी आत्मानंद विद्यालय हो जाएंगे। नवा रायपुर में हमने आज स्कूल खोला है। मुख्यमंत्री ने आज भनसुली में मिनी स्टेडियम की स्थापना की घोषणा भी की। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री केशरी नाथ वर्मा, पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे एवं शिक्षा विद श्री सैय्यद फाजिल ने भी सभा को संबोधित किया। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री पूरन साहू ने भी सभा को संबोधित किया और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री अशोक साहू, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री जवाहर वर्मा, जिला मंडी बोर्ड के अध्यक्ष श्री अश्विनी साहू एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस मौके पर कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा एवं एसपी डॉ अभिषेक पल्लव भी उपस्थित रहे।