अमेरिका ने चाबहार पोर्ट पर चलाया डंडा तो दोस्‍त ईरान के समर्थन में अड़ा भारत, क्‍या ट्रंप को मना पाएंगे मोदी? पाक‍िस्‍तान की नजर

Updated on 13-02-2025 04:30 PM
वॉशिंगटन/ तेहरान: अमेरिका में डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन के ताजा आदेश से ईरान के चाबहार पोर्ट में भारत के निवेश पर खतरा मंडराने लगा है। अमेरिका ने भारत को चाबहार पोर्ट पर ट्रंप प्रशासन के पहले दौर में छूट दी थी लेकिन अब इसे खत्‍म करने का निर्देश दिया है। भारत ने सोमवार को अमेरिका के इस कदम पर प्रतिक्रया दी और कहा कि चाबहार पोर्ट के लिए उसकी प्रतिबद्धता बरकरार रहेगी। भारत ने कहा कि चाबहार पोर्ट ने अफगानिस्‍तान और मध्‍य एशिया के देशों के साथ संपर्क बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। चाबहार पोर्ट को लेकर चल रहे इस तनाव के बीच पीएम मोदी अमेरिका पहुंच गए हैं और राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप संग उनकी अहम बैठक होनी है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भारत एक बार फिर से अमेरिका से चाबहार पोर्ट को लेकर छूट देने की मांग कर सकता है।

अमेरिका के विल्‍सन सेंटर में दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन ने एक्‍स पर लिखा, 'पीएम मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप की ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति से भारत चाबहार पोर्ट के विकास पर पड़ने वाले असर पर सफाई मांग सकते हैं। चाबहार पोर्ट भारत के मध्‍य एशिया के साथ ईरान और अफगानिसतान के रास्‍ते व्‍यापार और कनेक्टिव‍िटी बढ़ाने के प्रयास का हिस्‍सा है। नीतिगत खतरे की वजह से भारत की योजनाओं पर पानी फिर सकता है। इससे पहले 4 फरवरी को अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने एक आदेश पर हस्‍ताक्षर किया था और ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव बनाने के लिए नए प्रतिबंधों को मंजूरी दी थी।

चाबहार पोर्ट यूरोप तक जाने का रास्‍ता


ट्रंप ने दावा किया कि इन प्रतिबंधों की वजह ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है। इसी आदेश में चाबहार पोर्ट को दी गई छूट को खत्‍म या संशोधित करने का भी जिक्र है। भारत ने चाबहार पोर्ट को बनाने के लिए करोड़ों डॉलर खर्च किया है। भारत चाबहार पोर्ट के जरिए पाकिस्‍तान को बायपास करके अफगानिस्‍तान और मध्‍य एशिया तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है ताकि आसानी से व्‍यापार किया जा सके। माना जा रहा है कि पीएम मोदी ट्रंप के साथ मुलाकात में इस मुद्दे को उठा सकते हैं। चाबहार पोर्ट का रणनीतिक लिहाज से काफी महत्‍व है। इसी वजह से पाक‍िस्‍तान उसका दोस्‍त चीन भी इस पर नजर गड़ाए हुए हैं।

भारत पाकिस्‍तान और चीन के ग्‍वादर बंदरगाह को जवाब देने के लिए इस पोर्ट का विकास कर रहा है। चाबाहर पोर्ट भारत और यूरोप तथा रूस के बीच के बीच व्‍यापार के लिए बनाए जा रहे अंतरराष्‍ट्रीय नॉर्थ साऊथ ट्रेड कॉरिडोर का हिस्‍सा है। यह कॉरिडोर 7200 किमी लंबा है और इसमें श‍िप, रेल और सड़क के जरिए सामानों को पहुंचाया जाएगा। यह कॉरिडोर भारत को ईरान, अजरबैजान, रूस, मध्‍य एशिया और यूरोप से जोड़ देगा। भारत ने साल 2016 में चाबहार पोर्ट के लिए समझौता किया था।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 18 February 2025
दुनिया के पहले घोषित समलैंगिक इमाम मुहसिन हेंड्रिक्स की शनिवार को दक्षिण अफ्रीका में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अन्य व्यक्ति के साथ कार…
 18 February 2025
अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने देश के न्यूक्लियर हथियार के विभाग नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (NNSA) के सैकड़ों कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी है। इससे पहले इलॉन मस्क…
 18 February 2025
कनाडा के टोरंटो के पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डेल्टा एयरलाइंस का एक विमान लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें 18 लोग घायल हो गए, जिनमें 2 की हालत गंभीर…
 18 February 2025
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर जंग के बीच यूक्रेन में सेना भेजने के लिए तैयार हैं। स्टार्मर ने सोमवार को कहा कि वह शांति समझौते के तहत यूक्रेन को सुरक्षा की…
 18 February 2025
कतर के अमीर तमीम बिन हमाद अल-थानी का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM मोदी ने स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।…
 13 February 2025
वॉशिंगटन/ तेहरान: अमेरिका में डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन के ताजा आदेश से ईरान के चाबहार पोर्ट में भारत के निवेश पर खतरा मंडराने लगा है। अमेरिका ने भारत को चाबहार पोर्ट पर…
 13 February 2025
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच जल्दी ही बैठक हो सकती है। दोनों नेताओं में यह मुलाकात सऊदी अरब में होगी। ट्रंप ने बुधवार…
 12 February 2025
वॉशिंगटन: शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति है। जिहादी तत्वों ने इस इस्लामिक देशों में सर उठाना शुरू कर दिया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय खतरा मंडरा…
 12 February 2025
मॉस्को: रूस के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान सुखोई Su-57 को पहला विदेशी खरीदार मिल गया है। ऐसे में इस लड़ाकू विमान के एक्सपोर्ट वेरिएंट Su-57E का उत्पादन भी शुरू कर…
Advt.