ओडिशा में अग्निवीर योजना में भर्ती के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले 3 नेवी अफसरों को गिरफ्तार किया गया है। खुर्दा पुलिस ने गुरुवार को ये कार्रवाई की। एक अफसर रिटायर हो चुका है।
इन पर आरोप है कि ये कैंडिडेट्स को भर्ती में मदद करने का भरोसा दिलाते थे और उनसे पैसे ऐंठते थे। पुलिस ने बताया कि IANS केसरी पर तैनात सत्यम चाहर, IANS चिल्का पर तैनात विनय कुमार रे और रिटायर्ड अफसर भूषण को अरेस्ट किया गया है। भूषण उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
ट्रेनिंग अफसर ने की थी शिकायत
खुर्दा एसपी सागरिका नाथ ने कहा कि IANS चिल्का के ट्रेनिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कमांडर अद्वितीय सिंह इन लोगों को बारे में शिकायत की थी। आरोप है कि ये लोग अग्निवीर और सामान्य भर्ती कराने के नाम पर उम्मीदवारों से पैसे वसूल रहे थे। ये लोग कैंडिडेट्स को धमकाते भी थे।
ये कैंडिडेट्स से कहते थे कि मेडिकल जांच, पुलिस वेरिफिकेशन और भर्ती में मदद करेंगे। वॉट्सऐप और टेलीग्राम पर इन्होंने कई ग्रुप बना रखे थे, जिनके जरिए ये डॉक्यूमेंटेशन का झांसा देते थे। इन्होंने कैंडिडेट्स से 30 हजार से एक लाख रुपए तक लिए हैं।
दो और व्यक्तियों की तलाश कर रही है पुलिस
एसपी नाथ ने बताया कि पुलिस टीम ने इन लोगों के लेन-देन के डॉक्युमेंट्स जब्त किए हैं। 2 और व्यक्तियों की तलाश की जा रही है, जिन पर इस तरह के आरोप पहले भी लग चुके हैं। हम पिछली शिकायतों में भी इनके रोल की जांच कर रहे हैं। हमने 12 बैंक अकाउंट सीज कर दिए हैं।
अब जानिए क्या है अग्निपथ स्कीम
केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए भर्ती होती है। चार साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। चार साल बाद अग्निवीरों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। रेटिंग के आधार पर सिर्फ 25% अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस दी जाएगी।
स्कीम में ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की भर्ती होती है। इनकी रैंक पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक (PBOR) के तौर पर होती है। इन सैनिकों की रैंक सेना में कमीशंड ऑफिसर और नॉन-कमीशंड ऑफिसर की नियुक्ति से अलग होती है। साल में दो बार रैली के जरिए भर्ती होती है।