संसद परिसर धक्का-मुक्की केस में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और राज्यसभा के सभापति से नेता विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
NCW की अध्यक्ष विजया राहतकर ने शुक्रवार को नागालैंड की सांसद फांगनोन कोन्यक के साथ कथित तौर पर हुए दुर्व्यवहार पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि संसद में महिलाओं के सम्मान, समानता और गरिमा को बनाए रखना बहुत जरूरी है।
नागालैंड से राज्यसभा सदस्य फान्गनॉन कोन्याक ने आरोप लगाया है कि वे जब संसद परिसर पर प्रदर्शन कर रही थीं तो राहुल गांधी उनके करीब आ गए और चिल्लाने लगे। इससे उन्हें असहज महसूस हुआ। इसी मामले में महिला आयोग ने खुद ही संज्ञान लेते हुए लेटर लिखा है।
दरअसल, गुरुवार सुबह संसद परिसर में मकर द्वार पर INDIA ब्लॉक और भाजपा सांसद प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान दोनों पक्षों के सांसद आमने-सामने आ गए और धक्का-मुक्की हुई। इसमें भाजपा के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत चोटिल हो गए। भाजपा ने राहुल पर धक्का देने का आरोप लगाया।
संसद धक्का-मुक्की केस की जांच, राहुल के खिलाफ 6 धाराओं में FIR
दिल्ली पुलिस ने संसद परिसर धक्का-मुक्की केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ 6 धाराओं में FIR हुई थी।
धक्का-मुक्की में ओडिशा के बालासोर से भाजपा सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हुए थे। सारंगी ने आरोप लगाया था कि राहुल ने एक सांसद को धक्का दिया, जो आकर उनके ऊपर गिरे।
सारंगी जब मीडिया के सामने आए, तब उनके सिर से खून निकल रहा था। सारंगी के अलावा फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत को भी चोट आई थी। दोनों को RML हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था।
हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट ने कहा था दोनों नेताओं के सिर में चोट लगी है। उन्हें ICU रखा गया है। प्रताप सारंगी को काफी ब्लीडिंग हुई थी। उनका घाव भी गहरा था, इसलिए टांके लगाने पड़े।
घटना के बाद भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज ने राहुल के खिलाफ हत्या की कोशिश, धमकाने, धक्का देने के आरोप समेत BNS की 7 धाराओं में पुलिस को शिकायत दी थी।
हालांकि, पुलिस ने धारा- 109 (हत्या की कोशिश) हटाकर सिर्फ 6 धाराओं में FIR में दर्ज की थी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे से बदसलूकी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।