केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने जॉर्ज सोरोस मामले को लेकर शशि थरूर को जवाब दिया है। थरूर ने 15 दिसंबर को कहा था कि मैं सोरोस हरदीप पुरी के अमेरिका के घर में मिला था।
इसका जवाब देते हुए हरदीप पुरी ने शुक्रवार को कहा- मैं उस वक्त राजदूत था। शशि थरूर UPA सरकार में विदेश राज्य मंत्री थे। मुझे डिनर कार्यक्रम में मेहमानों की लिस्ट उन्होंने ही दी थी।
दरअसल, 8 दिसंबर को भाजपा ने गांधी परिवार पर अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन से फंड लेने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि भारत विरोधी सोरोस और कांग्रेस मिलकर भारत की इकोनॉमी तबाह करना चाहते हैं।
इसके बाद X पर सांसद शशि थरूर का 2009 का पोस्ट वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने लिखा था- पूराने मित्र सोरोस से मुलाकात हुई। वे एक निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया की चिंता करने वाले नागरिक भी हैं।
थरूर की सफाई 3 पॉइंट में
थरूर ने 15 दिसंबर को कहा- 2009 के इस ट्वीट के बारे में बहुत बातें हो रही हैं। मैं सोरोस को अच्छी तरह से जानता था। मेरे यूएन के दिनों में मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। वे सिर्फ एक सोशल सेंस में मित्र थे। मैंने कभी भी उनसे या उनके किसी फाउंडेशन से अपने लिए एक पैसा भी नहीं लिया।
इस ट्वीट के बाद ही मैं सोरोस से एक बार फिर मिला। विदेश राज्य मंत्री के रूप में न्यूयॉर्क का दौरे पर था। तत्कालीन राजदूत हरदीप पुरी ने कई प्रमुख अमेरिकियों को मेरे साथ डिनर पर चर्चा के लिए बुलाया था। इसके बाद से मैं सोरोस के संपर्क में नहीं हूं। मेरे पुराने रिश्ते का कभी कोई राजनीतिक अर्थ नहीं रहा। मुझे उम्मीद है कि अब मामला स्पष्ट हो जाएगा। लोग 15 साल पुराने ट्वीट के आधार पर बेतुका आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, ट्रोल फैक्ट्री ऐसे ही काम करती है।
हरदीप पुरी का जवाब, 4 पॉइंट्स...
मैंने 11 अक्टूबर 2009 को ब्रीफिंग ब्रेकफास्ट पर और फिर 12 अक्टूबर 2009 की शाम को डिनर पर थरूर का स्वागत किया था। मैं राजदूत था। वे विदेश राज्य मंत्री थे।
मैंने डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की सूची नहीं चुनी। यह मुझे तत्कालीन मंत्री थरूर ने ही दी थी। मैंने लिस्ट में सोरोस का नाम देखा। मेरे जीवन में यह एकमात्र ऐसा अवसर था जब मैं सोरोस से मिला था।
15 दिसंबर 2024 के थरूर के इस पोस्ट के बाद मैंने उन्हें फोन किया। मैंने सोचा मैं उन्हें पूरा मामला बताता हूं, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
अब समझ आ रहा है कि थरूर उनसे क्यों मिलना चाहते थे। सोरोस राजीव गांधी फाउंडेशन के लाभार्थियों में से एक थे।
भाजपा का आरोप- सोरोस और कांग्रेस भारत विरोधी
भाजपा ने 8 दिसंबर को कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ऐसे संगठन से जुड़ी हैं, जो कश्मीर को भारत से अलग करने की वकालत करता है। भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि इस संगठन को जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की तरफ से फंडिंग मिलती है। इस संगठन का नाम फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पेसिफिक (FDL-AP) है। सोनिया इसकी सह-अध्यक्ष (CO) हैं।
जॉर्ज सोरोस PM मोदी को लोकतंत्र विरोधी बता चुके
जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। जॉर्ज पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप है। सोरोस की संस्था ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ ने 1999 में पहली बार भारत में एंट्री की।
2014 में इसने भारत में दवा, न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने और विकलांग लोगों को मदद करने वाली संस्थाओं को फंड देना शुरू किया। 2016 में भारत सरकार ने देश में इस संस्था के जरिए होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी।
अगस्त 2023 में जॉर्ज का म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में दिया बयान बेहद चर्चा में रहा। जब उन्होंने कहा था कि भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। उनके तेजी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है।