अमेरिका के पूर्व अधिकारी ने कहा कि "पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता यही थी कि भारत उसकी न्यूक्लियर कमांड को ‘डिकैपिटेट’ कर दे। नूर खान पर हमला इसी दिशा में पहला संकेत हो सकता है।” एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर भारत ने वाकई ऐसा किया था तो इसका मतलब ये है कि भारत इस कमांड-कम्युनिकेशन सिस्टम को पहले ही ध्वस्त कर देना चाहता था ताकि पाकिस्तान परमाणु हमला करने की स्थिति में ही ना आ पाए या अगर वो हमला करने की स्थिति में भी हो तो उसका असर अत्यंत कम हो। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी के बाद पाकिस्तान ने फौरन अमेरिका फोन लगाया था। वहीं सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 'अमेरिका को कुछ खतरनाक जासूसी जानकारियां' मिली थीं, जिसके बाद अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया और उसके बाद भारत सीजफायर के लिए तैयार हुआ।