बिलासपुर जिले में बेरोजगारी की मार झेल रहे बी-टेक, MBA और PG डिग्रीधारी युवाओं की रोजगार मेले में भीड़ उमड़ पड़ी। अलग-अलग प्राइवेट कंपनियों ने उन्हें 45 हजार रुपए सैलरी देने का दावा किया था। लेकिन, जब इंटरव्यू की बारी आई, तब उन्हें 20 से 25 हजार रुपए देने की बात कही।
युवाओं से ऑनलाइन फॉर्म जमा कराने के बाद भी उन्हें वैकेंसी फूल होने का बहाना कर दिया गया। बाद में उन्हें टैक्सटाइल, माइक्रो फाइनेंस कंपनी और सिक्योरिटी गार्ड का ऑफर दिया गया। ऐसे में हायर एजुकेशन डिग्रीधारी बेरोजगार बिना फॉर्म जमा किए ही वापस लौट गए।
सोमवार को बिलासपुर में आयोजित संभाग स्तरीय रोजगार मेले में आने वाली कंपनियों ने युवाओं को प्रति माह 45 हजार रुपए सैलरी देने का का दावा किया था। ऐसी कंपनियों के झांसे में आकर युवक-युवती जब आवेदन जमा करने पहुंचे तो कंपनी के अधिकारियों ने इंटरव्यू में उन्हें शुरूआत में दस हजार रुपए सैलरी देने की बात की। इस पर बेरोजगार युवकों को बिना आवेदन जमा किए ही वापस लौटना पड़ा। हाई क्वॉलिफाइड कई युवकों को प्राइवेट जॉब और पद पसंद नहीं आया। इस मेले में मास्टर डिग्रीधारी बेरोजगारों को फाइनेंस कंपनी में फिल्ड वर्क और सेल्समेन जैसे पद के लिए आवेदन करना पड़ा।
मेले में उमड़ी भीड़, मायूस नजर आए बेरोजगार
राज्य
शासन और जिला प्रशासन ने दावा किया है कि बिलासपुर में पहली बार संभाग
स्तर पर विशाल मेले का आयोजन किया गया है। इसमें शामिल होने के लिए
बेरोजगार खुश नजर आए। उन्हें उम्मीद थी कि प्राइवेट कंपनियों में अच्छी
सैलरी का ऑफर मिलेगा। यही वजह है कि मेले में युवक-युवतियों की भीड़ उमड़
पड़ी। लेकिन, वहां जाने के बाद युवक-युवतियों को कंपनियों के अधिकारियों के
जवाब सुनकर मायूस होना पड़ा। आंकड़ों के मुताबिक इस मेले में करीब 8 हजार 500
से ज्यादा बेरोजगारों ने पंजीयन कराया था। लेकिन, ज्यादातर बेरोजगारों ने
या तो कम सैलरी के चलते ऑफर ठुकरा दिया या फिर पंजीयन के बाद उन्हें फॉर्म
भरने का मौका ही नहीं मिला। लिहाजा, उन्हें बिना इंटरव्यू दिए ही वापस
लौटना पड़ा।तीन जगहों पर पहुंचे बेरोजगार, कंपनियों ने फॉर्म लेकर लौटाया
जिले
में एक साथ तीन जगह मॉडल आईटीआई कोनी और पॉलिटेक्निक कॉलेज कोनी के साथ ही
लाईवलीहुड कॉलेज निपनिया (बिल्हा) और में 132 निजी नियोजकों ने बेरोजगारों
को इंटरव्यू के लिए बुलाया था। भर्ती के लिए आठवीं कक्षा से पोस्ट
ग्रेजुएट और डिप्लोमा होल्डर्स से आवेदन मंगाए गए थे। जबकि, इन पदों के लिए
MBA, बी-टेक, कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग करने वाले बेरोजगार पहुंचे
थे। कुछ कंपनियों ने उन्हें प्रति माह 45 हजार रुपए सैलरी देने विज्ञापन
जारी किया था। लेकिन, आवेदन जमा कर पंजीयन कराने के बाद इंटरव्यू की बारी
आई, तब उन्हें अधिकारियों ने 20 से 25 हजार रुपए सैलरी की बात कही।
रोजगार मेले में पात्रा इंडिया कंपनी के एचआर मैनेजर विकास त्रिपाठी ने बताया कि उनकी कंपनी इंश्योरेंस के क्षेत्र में काम कर रही है। उनकी कंपनी बैंक, ऑफिस में कार्य करने वाले युवाओं की तलाश है। इसके लिए उन्होंने न्यूनतम योग्यता स्नातक रखी है। उनकी कंपनी 14 हजार न्यूनतम वेतन देगी। अन्न्पूर्णा प्राइवेट लिमिटेड के नियोक्ता मुकेश सिंह ने बताया कि कंपनी की छत्तीसगढ़ में 50 ब्रांच है।
अनुभवी की डिमांड, फ्रेशरर्स बोले- हमें क्यों बुलाया गया
अन्नपूर्णा
प्राइवेट लिमिटेड के नियोक्ता मुकेश सिंह ने बताया कि उनका उद्देश्य
माइक्रोफाइनेंस को आगे बढ़ाना है। महिलाओं को और फ्रेशर्स को मौका देना उनकी
प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ में उनकी कंपनी की 50 ब्रांच है। लेकिन, बेरोजगार
युवक जब इंटरव्यू के लिए पहुंचे, तब अनुभवी युवकों को अलग कर दिया गया और
फ्रेशर्स युवाओं को अलग। इंटरव्यू लेने के बजाए कंपनी के अधिकारियों ने
उनका फॉर्म तो जमा करा लिया और कहा कि उन्हें बाद में इंटरव्यू के लिए
बुलाया जाएगा।
नौकरी मिलती नहीं, घर भी चलाना है
मुंगेली
के पंडरभट्ठा से आए राहुल शुक्ला ने बताया कि मैंने कम्प्यूटर कोर्स किया
है। मगर तीन सालों से कोई नौकरी या काम ही नहीं मिल रहा। बेरोजगारी में घर
चलाना पड़ रहा है। प्राइवेट जॉब करने के बाद कुछ पैसे मिलने की उम्मीद है।
लेकिन, यहां तो फॉर्म भरने का ही मौका नहीं मिला। इसके चलते अब वापस जाना
पड़ रहा है।
रोजगार मेला के बजाए सरकारी वेकेंसी निकाले सरकार
मेले
में इंटरव्यू देने आई जया साहू ने कहा कि पिछले तीन साल से सरकारी जॉब के
लिए वैकेंसी नहीं निकली है। सरकार को चाहिए कि लाइनमैन, शिक्षा विभाग सहित
अन्य विभागों के रिक्त पदों को भरना चाहिए। ताकि, बेरोजगार युवक-युवती को
सरकारी जॉब का मौका मिल सके।
सिविल इंजीनियर युवक बोला- सभी एग्जाम रूका है
पंकज
साहू ने बताया कि वह सिविल इंजीनियर है। रोजगार मेले में उम्मीद थी कि
उनके फिल्ड के अनुसार पद मिलेगी। लेकिन, यहां आने पर पता चला कि माइक्रो
फाइनेंस कंपनी में ठीक-ठाक सैलरी का ऑफर है। उन्होंने कहा कि सरकारी पदों
पर स्थिति खराब है। लगातार सभी परीक्षाएं स्थगित की जा रही है, जिसके कारण
युवाओं को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है।
मैक्निकल इंजीनियर बेरोजगार भी पहुंचे
सागर
चौबे मैकेनिकल इंजीनियर हैं। उन्होंने बताया कि उनके फील्ड में जॉब नहीं
मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पहले गवर्नमेंट सेक्टर की तैयारी कर रहा था।
जॉब नहीं मिलने पर प्राइवेट जॉब किया और बाद में काम छोड़ना पड़ा। अब यहां
वे बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में जॉब ढूंढ रहे हैं।सिक्युरिटी गार्ड का मिला ऑफर
कोटा क्षेत्र के दिलीप
कुमार ने कहा कि फाइनेंस कंपनी में जॉब के लिए आवेदन जमा करने आया था।
लेकिन, यहां बताया गया कि पद भर गया है। उसे अब सिक्योरिटी गार्ड के लिए
ऑफर मिल रहा है। इसलिए वह फॉर्म जमा करने के बाद बिना इंटरव्यू दिए वापस जा
रहा है।रोजगार अधिकारी बोले- 50 कंपनियों के 17 हजार 27 पदों पर भर्ती
इधर,
जिला रोजगार अधिकारी अमर पहारे ने बताया कि रोजगार मेले का आयोजन तीन
स्तरों पर किया गया। मॉडल आइटीआई कोनी में 39 नियोजकों ने 12842 पदों के
लिए, लाईवलीहुड कॉलेज निपनिया बिल्हा में 43 नियोजकों ने 16463 पदों पर और
गर्ल्स पॉलिटेक्निक कालेज कोनी में 50 नियोजकों ने 17 हजार 27 पदों पर
भर्ती की प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने बताया कि बेरोजगारों की भीड़ अधिक
होने के कारण कुछ अव्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई। लेकिन, बाकी सब ठीक
रहा।