बिलासपुर। जिले में सुशासन तिहार अंतर्गत समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। शासन की मंशा के अनुरूप जनसामान्य की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत शिवतराई में समाधान शिविर का आयोजन किया गया। समाधान शिविर में 10 ग्राम पंचायत के ग्रामीणों से प्राप्त सभी मांगों एवं शिकायत के आवेदनों का निराकरण किया गया। 1944 आवेदन मिले थे जिनमें से 1808 का निराकरण किया गया। शिविर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, महिला एवं बाल विकास, राजस्व, मछली पालन, पशुधन विकास, लोक निर्माण, विद्युत विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, आबकारी विभाग, जिला सहकारी, वन विभाग, श्रम विभाग, खाद्य विभाग सहित विभिन्न विभागों द्वारा आवेदनों के निराकरण की जानकारी दी गई। सभी विभागों ने स्टॉल लगाकर योजनाओं की जानकारी दी। समाधान शिविर में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, कोटा जनपद अध्यक्ष सूरज साधे लाल भारद्वाज, उपाध्यक्ष मनोहर सिंह राज सहित अन्य जनप्रतिनिधि, एडीएम शिव कुमार बनर्जी, एसडीएम नितिन तिवारी, सीईओ युवराज सिंहा सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
समाधान शिविर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास आवास की चाबी, कृषि विभाग द्वारा स्प्रेयर और लपेटा पाइप, स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड, एनआरएलएम के तहत समूह की दीदियों को बैंक लिंकेज का चेक से लाभान्वित किया गया।विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने अवलोकन किया। स्टॉल में अधिकारियों द्वारा विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी गई।
समाधान शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया। आस बाई, गंगा बाई, कौशल्या बाई जगत और नेम सिंह जगत को आयुष्मान कार्ड मिला है। प्रधानमंत्री वय वंदन योजना के तहत उन्हें यह कार्ड दिया गया। कार्ड मिलते ही 77 वर्षीय शिवतराई निवासी आस बाई की बूढ़ी आंखों में चमक आ गई। उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में यह कार्ड हमारे लिए बहुत बड़ी सौगात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हम बुजुर्गो की सुध ली है। उनका आभार जताते हुए कहा कि किसी बड़ी बीमारी में यह आयुष्मान कार्ड हमारे बहुत काम आएगा। हम जैसे गरीबों के लिए महंगा इलाज करा पाना संभव नहीं होता है।